
RV cg news राजू वासवानी, रायपुर छत्तीसगढ़ , मो. 9827916611
““””दास्तानें कशमीर””” किताब का विमोचन श्रीनगर में 19 जून को फारुख अब्दुल्ला करेंगे।
लेखक शिव ग्वालानी को श्रीनगर बुलावा।
छत्तीसगढ़ी साहित्यकार लेखक उपन्यासकार शिव ग्वालानी की किताब” दास्तानें कशमीर “”का विमोचन जम्मू कश्मीर की राजधानी श्रीनगर में 19.06.2025 दिन गुरुवार को ग्यारह बजे जम्मू कश्मीर के तीन बार मुख्यमंत्री रहे जनाब डाक्टर फारुख अब्दुल्ला करेंगे।
लेखक शिव ग्वालानी की यह किताब असली कशमीरियत ,कशमीरी दोस्ती , कशमीरी मुहब्बत और हिंदू मुस्लिम दोस्ती की सच्ची कहानी पर लिखी गई दास्ताँ है।
आज से चालीस साल पहले कशमीर में हिन्दू और मुस्लिम के बीच कैसी दोस्ती की बयार बहा करती थी ईसका सटीक वर्णन है।
इसी दोस्ती को सलाम करने डाक्टर फारुख अब्दुल्ला 22 दिसम्बर 2022 को छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में उपन्यासकार लेखक शिव ग्वालानी के निवास पर लेखक का शुक्रिया अदा करने उनसे मिलने आये थे।
कशमीर में हुये आतंकवादी हमले आतंकवादी हिंदू मुस्लिम समाज में बैर फैला कर देश में गृहयुद्ध फैलाना चाहते थे। आतंकवादियों ने पहलगाम में धर्म पूछकर हिंदुओं की हत्या की थी।
आतंकवादियों के सारे मनसूबे फेल हुये और भारत ने पाकिस्तान के अंदर घुसकर वार किया और बदला लिया।
कशमीर के मुस्लिम भाईयों ने भी आतंकवादियों की ईस कायराना हरकत का,इस वारदात का पुरजोर विरोध किया और बंद रखा।
एक मुस्लिम घोड़े वाले की भी आतंकवादियों ने हत्या कर दी। लेखक शिव ग्वालानी की किताब दास्तानें कश्मीर बहुत ही समसामयिक दस्तावेज है जो हिंदू मुस्लिम एकता का, हिंदू मुस्लिम कश्मीरी दोस्ती का सच्चा दस्तावेज है।
19 जून को पूरे देश में ईस एकता , दोस्ती और मुहब्बत का पैगाम फैलाने के लिए कशमीर में लेखक शिव ग्वालानी के साथ पूर्व मुख्यमंत्री डाक्टर फारुख अब्दुल्ला पूरे देश में संदेश देंगे।
लेखक शिव ग्वालानी 18 जून को सह लेखिका कविता ग्वालानी के साथ ईंडिगो एयरलाइन्स की फ्लाइट से सुबह श्रीनगर रवाना होंगे।
19 जून को लेखक दंपति की चालिसवीं सालगिरह भी है, ईस दौरान लेखक दंपति पहल गांव की बैसरन घाटी भी जायेंगे जहाँ यह नरसंहार हुआ था और शहीद को श्रद्धा सुमन अर्पित करके श्रद्धांजलि देंगे।
लेखक दंपति राज्य पाल मनोज सिंहा जी से मुलाकात करके उन्हें भी दास्तानें कशमीर किताब भेंट करेंगे।
यह पुस्तक नि:संदेह एक महत्वपूर्ण साहित्यिक कृति है जो वर्तमान समय में हिंदू- मुस्लिम एकता के संदेश को और भी प्रांसगिक बनाती है